महा शिवरात्रि
महा शिवरात्रि भगवान् शिव का प्रमुख त्यौहार है फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के दिन यह पर्व बड़ी धून धाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है की इसी दिन सृष्टि का प्रारम्भ अग्नि लिंग के उदय से हुआ था इस दिन भगवान् शिव का विवाह देवी पार्वती से हुआ था। वर्ष में १२ शिवरात्रियों में से महा शिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। पूरे विश्व में यह पर्व बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। कश्मीर शैव मत में इस पर्व को वर रात्रि या हेराथ या हेरथ कहते हैं। समुन्द्र मंथन अमर अमृत के लिए किया गया था किन्तु इस के साथ हला हल विष भी निकला था। हला हल को ब्रह्माण्ड नष्ट करने की शक्ति थी। इसे भगवान् शिव ने अपने कंठ में धारण क्र ब्रह्माण्ड को नष्ट होने से बचा लिया और नील कंठ नाम से विख्यात हुए। इससे उनको बहुत पीड़ा हुई। उनको सारी रात जगाये रखने के लिए देवताओं ने अलग अलग नृत्य और साज बजाये सुबह उनकी भक्ति से प्रसन्न भगवान् शिव ने उन्हें आशीर्वाद दिया। महा शिवरात्रि उसी उपलक्ष में कर शिवरात्रि मनाई जाती हैI