मंदिर के विभाग

झण्डेवाला देवी मन्दिर मुख्यत: माता का मन्दिर है, इस लिये नियमित एवम् नवरात्रों में देश विदेश से लाखों भगत माँ का दर्शन कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये माँ से प्राथर्ना करने आते है। नवरात्र इतना बड़ा पर्व है कि इस का संचालन करना अपने आप में एक चुनौतीा भरा कार्य होता है। इस के सुचारू संचालन के लिये मंदिर की सभी व्यवस्थाओं का उत्तर दायित्व मेला प्रमुख के आधीन होता है जो अपने आधीन आने वाले सभी विभाग के सभी कार्यो के लिये उत्तरदायी होता है। सुचारू रूप से व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से यह कार्य निम्नलिखित विभागों में बांटा गया है।


1. टोली विभाग :- मन्दिर व्यवस्था में करीब 2000 सेवादार विभिन्न कार्यो व टोलियों में बांटे गये है। हर टोली में करीब 100 से 120 सेवादार सेवा करते हैं जिस का संचालन एक टोली प्रमुख द्वारा किया जाता है। इन सभी टोलियों का संचालन टोली विभाग प्रमुख के आधीन होता है। विभाग प्रमुख की सहायता के लिये तीन सहविभाग प्रमुख टोलियों के प्रबंधन कार्य की देखरेख में सहायता करते है।


2. सुरक्षा विभाग :- मन्दिर में भीड़ में कई अपराधी प्रवृति के व्यक्ति भी दशर्नार्थियों के साथ परिसर में आने का प्रयास करते हैं। देश के आन्तिरक हालात के चलते आंतकवादियों की गतिविधियां भी बड़ गयी हैं। ऐसे तत्व भीड का फायदा उठा कर कोई दुर्घटना न कर सकें इस के लिये सुरक्षा विभाग का गठन किया गया है। मन्दिर परिसर में करीब 150 सी सी टी वी कैमरे लगाये जाते है जिन का संचालन मंदिर द्वारा स्थापित नियंत्रण कक्ष से किया जाता है जिस की सुरक्षा विभाग के कार्यकर्ता एवं पुलिस कर्मी देखरेख करते हैं ।


3. भंडारा विभाग:- मन्दिर में नवरात्रों में विशाल भंडारे का आयोजन प्रतिदिन किया जाता है। इस विभाग का कार्य भोजन के बनवाने से लेकर वितरण तक का है। भंडारा शुद्ध देसी घी का बनता है। भंडारे की सामग्री एकत्रित करना भी इसी विभाग का कार्य है। यह विभाग एक विभाग प्रमुख की देखरेख में चलता है जिस की सहायता के लिये सह विभाग प्रमुख व भंडारा टोली प्रमुख नियुक्त है। प्रत्येक दिन में बनने वाले भोजन का मैनू पहले ही तैयार हो जाता है।


4. सज्जा व टैन्ट विभाग :- इस विभाग का कार्य भी एक विभाग प्रमुख को सौंपा जाता है जो मन्दिर में नवरात्रों में टैन्ट व्यवस्था व मन्दिर की सज्जा का कार्य देखता है। यह विभाग प्रमुख अन्य विभागों की आवयकताओं के अनुरूप व्यवस्था करता है।


5.सफाई विभाग:- मेले में लाखों लोगो के आने से सफाई का कार्य चुनौती पूर्ण रहता है। यह विभाग भी एक विभाग प्रमुख की देखरेख में कार्य करता है। इस प्रमुख की सहायता के लिये सह प्रमुख रहते है। बहुत से सफाई कर्मचारी भी कार्यरत रहते हैं ।


6. बिजली विभाग :- यह विभाग भी एक विभाग प्रमुख के आधीन कार्य करता है। जिस की सहायता के लिये सह विभाग प्रमुख कार्य करते है। मन्दिर में बिजली की व्यवस्था बिजली विभाग से संम्पर्क व मन्दिर परिसर की बिजली से सज्जा भी इस विभाग का कार्य है।


7. जल विभाग:- जल विभाग का प्रमुख जल व्यवस्था के लिये उत्तरदायी होता है। उसकी सहायता के लिये भी सह विभाग प्रमुख नियुक्त है। यह विभाग भण्डारे व सम्पूर्ण मेले में पेय जल की व्यवस्था करता है। लाईनों के हर छोर पर भक्तों को पेय जल पहुँचाना व जगह जगह रेहड़ियों के माध्यम से पेय जल की व्यवस्था इस विभाग का कार्य है। सरकारी जल विभाग से समपर्क कर पानी के टैंकरों की व्यवस्था भी यही विभाग करता है।


8. चरण पादुका विभाग:- मन्दिर में आने वाले भक्तों की चरण पादुकाओं को रखने की व्यवस्था इस विभाग द्वारा की जाती है। मन्दिर पे छ: (6) स्थानों पर चरण पादुका रखने के स्थल बनाये जाते है जो दिन रात कार्यरत रहते है और सेवादार भक्तों की चरण पादुकाओं को पालिश व साफ भी करते हैं ।


9.यातायात विभाग:- यातायात विभाग भी एक विभाग प्रमुख की देखरेख में काम करता है जिस की सहायता के लिए सह प्रमुख व टोली प्रमुख भी रहते है। नवरात्रों में तीन स्थानो पर भक्तों के वाहन खडे करने की नि:शुल्क व्यवस्था की जाती है। यह विभाग भी दिन रात कार्यरत रहता है।


10. अर्चक विभाग:- अर्चक विभाग का कार्य एक विभाग प्रमुख के आधीन होता है। इस की सहायता के लिये सह प्रमुख व टोली प्रमुख नियुक्त होते हैं। नवरात्रों में मन्दिर में तीन स्थानों से छ: अर्चकों द्वारा भक्तों का प्रसाद चढ़ाया एवम् वितरित किया जाता है। मन्दिर मे प्रसाद का प्रबंध, भवन की सफाई व फूल मालाओं को हटाने का कार्य इस विभाग द्वारा किया जाता है।


11. फूल छटाई विभाग:- यह विभाग एक विभाग प्रमुख द्वारा संचालित होता है। इन दिनों मन्दिर में टनो फूल मालाये चढ़ाई जाती है। भवन में चढे़ फूल मालायें फूल छटाई विभाग में लाये जाते है जिन्हें छटाई के पश्चात बोरियों में भर कर मन्दिर से बाहर ले जाया जाता है। छटाई के समय फूलो में से नोट व सिक्के निकालने का काम भी यही विभाग देखता है। कुछ प्रतिशत फूलों से खाद बनाने का संयंत्र भी मंदिर में लगाया गया है और वह खाद पार्कों को मुफत दी जाती है।


12.खोया पाया विभाग:- मेले में कई बच्चे व महिलाये अपनो से बिछुड जाते है। उन्हें अपने संबधियों से मिलाने का कार्य यह विभाग देखता है। लाऊड स्पीकर द्वारा खाये हुए लोगों की सूचना दी जाती है और खोया पाया विभाग में उन्हें मिलाया जाता है। कई खोई हुई वस्तुएं भी विभाग में जमा होती हैं वह भी इस विभाग द्वारा उन के मालिकों को उचित पहचान के बाद वापस की जाती हैं ।


13. प्रचार प्रसार विभाग :- प्रचार विभाग का कार्य एक विभाग प्रमुख के आधीन होता है। जिस की सहायता के लिये चार सह-प्रमुख व अन्य सेवादार हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं को मेले मे प्रतिदिन की गतिविधियों का व्योरा भेजना, उन से संम्पर्क करना व आने वाले पत्रकारों/फोटोग्राफरों को मन्दिर के बारे में जानकारी देना। मन्दिर की फोटो लेने का कार्य करवाना है। प्रतिदिन मन्दिर की 'प्रैस रीलीज' अखबारों को भेजना, अखबारों में छपी मन्दिर की फोटो/समाचार को काट कर फाईलों में रखने का कार्य शामिल है। विभिन्न टी वी चैनलों को नवरात्रों की सूचना देना, आये हुए टी वी चैनलों के संवाददाताओं को मन्दिर परंगाण की वीडियों ग्राफी करवाना आदि कार्य भी यह विभाग देखता है। इस विभाग के कार्य क्षेत्र में अब मंदिर के कई कार्यो को जोडा गया है जिस मे प्रति दिन मंदिर के प्रमुख कार्यक्रमों व आरतियों का यूट्यूब व फेसबुक पर सीधा प्रसारण, मंदिर की वेबसाईट तैयार करना व उस का प्रबंधन शामिल है। इस के अतिरिक्त मंदिर अन्य मनाए जाने वाले त्योहारो के बारे में सामग्री तैयार करना भी शामिल है ।


14. स्वागत कक्ष:- आने वाले विशिष्ट व्यक्तियों को मन्दिर में सम्मान पूवर्क दर्शन कराने की व्यवस्था इस विभाग का प्रमुख कार्य है। यह विभाग भी एक विभाग प्रमुख व सह - विभाग प्रमुखों की सहायता से कार्य करता है। जिन लोगों के नाम उन के पास उपब्लध सूची में होते है उन के दर्शन की व्यवस्था यह विभाग करता है।


15. स्वास्थ्य विभाग:- यह विभाग एक विभाग प्रमुख के आधीन कार्य करता है। प्राथमिक चिकित्सा के लिये डॉकटर उपलब्ध कराना व नि:शुल्क दवा देना भी यह विभाग देखता है। विभिन्न हस्पतालों से सपंर्क कर "हैल्थ चैक अप कैम्प" लगाना भी इस विभाग का कार्य है।


16.नारियल विभाग व सफेदी/रंग रोगन :- भक्तों द्वारा लाये गय नारियल लाईनों में इक्टठे कर के नारियल विभाग में लाये जाते है जहां उन्हे तोडकर मुख्य भवन में या प्रसाद वितरण स्थल पर पहुंचाया जाता है जहा यह प्रसाद रूप में बॉटा जाता है। फल के प्रसाद की व्यवस्था भी यही विभाग करता है। मन्दिर में नवरात्रों से पहले रंग रोगन व सफेदी का कार्य भी नारियल विभाग का प्रमुख देखता है।


17.महिला सेवादार टोली :- मंदिर में एक महिला टोली भी कार्यरत है जिसमें लगभग 300 बहनें अपनी सेवा प्रदान करती हैं। यह सभी एक महिला टोली प्रमुख व सह-टोली प्रमुखों की देखरेख में सेवाकार्य करती हैं । इनका प्रमुख कार्य नवरात्रों में व्रत वाले भण्डारे की सम्पूर्ण व्यवस्था करना है। इनमें से कुछ बहनें मंदिर में होने वाले सफाई सेवाकार्य में भी सहयोग करती हैं. इसके अतिरिक्त श्रद्धालु भक्तों को लाइनों में तिलक लगाने ऐवम उन्हें सुगम दर्शन करवाने में भी इनका सहयोग रहता है।